जौनपुर।
करवा चौथ क्यों मनाया जाता है?
करवा चौथ का त्योहार हिन्दू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं। करवा चौथ कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, और इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं, बिना अन्न और जल ग्रहण किए, चंद्र दर्शन तक।
करवा चौथ की मान्यता
करवा चौथ की उत्पत्ति पौराणिक कथा से जुड़ी है। कहा जाता है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु को यमराज से हराकर उन्हें पुनर्जीवित किया था। इसी प्रकार, महिलाएं अपने पति की रक्षा और दीर्घायु के लिए यमराज से उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके अलावा, यह व्रत रानी वीरवती की कथा से भी जुड़ा है, जिन्होंने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा था और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही उपवास तोड़ा था। चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा को सौंदर्य, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है।
करवा चौथ का समय और विधि
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और रात में चंद्र दर्शन तक चलता है। इस दिन महिलाएं सज-धज कर पूजा करती हैं और शिव-पार्वती, गणेश तथा करवा माता की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान मिट्टी का करवा (मटका) और दीपक जलाकर कथा सुनी जाती है।
चंद्र दर्शन का समय
व्रती महिलाएं चंद्रमा के उदय का बेसब्री से इंतजार करती हैं। करवा चौथ के दिन चंद्रमा का दर्शन समय स्थान के आधार पर भिन्न हो सकता है, लेकिन सामान्यतः यह रात 8:00 से 9:30 बजे के बीच होता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति की आरती उतारी जाती है, और पति द्वारा जल ग्रहण करवाने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
महिलाओं के लिए फायदे
1. आध्यात्मिक संतोष: करवा चौथ का व्रत महिलाओं को अपने पति के प्रति समर्पण और भक्ति का अनुभव कराता है।
2. सामाजिक एकता: इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने रिश्तों को मजबूत करती हैं और समाज में एक दूसरे से जुड़ी रहती हैं।
3. स्वास्थ्य लाभ: व्रत के दौरान निर्जला उपवास करने से शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन होती है, जिससे शारीरिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।
पुरुषों के लिए फायदे
हालांकि करवा चौथ मुख्यतः महिलाओं का व्रत है, लेकिन इसके माध्यम से पुरुष भी अपने जीवनसाथी के प्रेम और समर्पण को महसूस करते हैं। यह उनके रिश्ते में गहरी आत्मीयता और एकजुटता लाता है। कई पुरुष भी इस दिन अपने पत्नी के साथ उपवास रखकर उन्हें समर्थन देते हैं।
करवा चौथ का विशेष महत्व
करवा चौथ एक ऐसा पर्व है जो पति-पत्नी के रिश्ते में नई ऊर्जा और आत्मीयता भरता है। इस व्रत की परंपरा भारतीय संस्कृति में वर्षों से चली आ रही है, और यह रिश्तों में विश्वास, प्रेम और एकजुटता का प्रतीक है।