



अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर समाज सेवा की प्रेरक पहल
रसड़ा (बलिया):
समाज में संस्कार, सेवा और सहानुभूति की भावना को प्रबल करने के उद्देश्य से किडजी प्ले स्कूल, रसड़ा के डायरेक्टर आदित्य नारायण सिंह के मार्गदर्शन में अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर रविवार को गढ़वार स्थित वृद्धाश्रम में एक प्रेरक समाज सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में बच्चों द्वारा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को अंगवस्त्र और दैनिक उपयोगी वस्त्र व सामग्री वितरित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ विधा श्रम के संस्थापक संजय सिंह की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान किडजी प्ले स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएँ अलीया तबस्सुम, अंकिता वर्मा, सबीहा नीडा, प्रगति प्रिया ने बच्चों को बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता, सेवा भाव तथा मानवता की महत्वपूर्ण सीख दी। बच्चों ने बड़े प्रेम और आत्मीयता के साथ वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से संवाद किया, उन्हें वस्त्र पहनाए तथा दैनिक उपयोगी वस्त्र और आवश्यक सामग्री भेंट की। इसके अतिरिक्त, स्कूल के ड्राइवर मुन्ना राजेश तथा मैड बबली, ममता, पिंकी ने समुचित व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग प्रदान किया।वृद्धाश्रम के डायरेक्टर सुरेश सिंह और पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय सिंह ने बच्चों की इस समाज सेवा पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं, बल्कि समाज में सद्भाव, सेवा भावना और संस्कारी सोच का संचार भी करते हैं। उन्होंने किडजी प्ले स्कूल के डायरेक्टर आदित्य नारायण सिंह, संरक्षक शैल कुमारी सिंह, शिक्षकों, सहयोगी स्टाफ और बच्चों का विशेष आभार व्यक्त किया।डायरेक्टर आदित्य नारायण सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा,”पुस्तकों का ज्ञान जितना आवश्यक है, उतने ही महत्वपूर्ण हमारे संस्कार हैं। बुजुर्गों का सम्मान और सेवा जीवन का अभिन्न हिस्सा है, जिससे समाज की प्रगति संभव होती है। बच्चों द्वारा यह समाज सेवा कार्य उनके अंदर सहानुभूति, जिम्मेदारी और मानवता की भावना को प्रबल करेगा।”वृद्धाश्रम के वरिष्ठ नागरिकों ने बच्चों को अपनी शुभकामनाएँ और आशीर्वाद प्रदान करते हुए इस पहल की सराहना की। उन्होंने किडजी प्ले स्कूल के सभी स्टाफ और बच्चों का धन्यवाद किया, जिससे उन्हें स्नेह और सम्मान की अनुभूति हुई।संरक्षक शैल कुमारी सिंह ने बच्चों की संवेदनशीलता, सेवा भाव और सामाजिक जिम्मेदारी की प्रशंसा करते हुए अन्य शिक्षण संस्थानों से भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।



