जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन में जनसंचार विभाग द्वारा “आज के समय में कबीर” विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने कबीर की साखियों के माध्यम से आज की सामाजिक परिस्थितियों में उनकी प्रासंगिकता पर विचार साझा किए। उन्होंने कबीर की साखी “साधो ये मुरदों का गांव” को रागमय ढंग से प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डॉ. सुजीत ने कहा कि कबीर का संदेश गहरी आध्यात्मिकता और मानवता से भरा हुआ है। उन्होंने धर्म, जाति और समुदाय की सीमाओं को पार करते हुए एकता का मार्ग दिखाया और यह सिखाया कि सत्य की खोज बाहरी वस्त्रों में नहीं, बल्कि अपने भीतर है। कबीर की वाणी समाज में समरसता और मानवता का प्रसार करती है, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।डॉ. सुजीत ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में लोग काम, मद, और क्रोध में उलझे हुए हैं, जिससे रिश्तों की गर्माहट और सामूहिकता की भावना कमजोर हो रही है। अतः धन-संपत्ति के होते हुए भी लोग सुखमय जीवन का अनुभव नहीं कर पा रहे हैं।जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने संत कबीर को समाज को जोड़ने और मानवता की राह दिखाने में प्रेरणास्रोत बताया। उनके अनुसार, कबीर ने समाज की कुरीतियों पर सहजता से प्रहार किया, जो आज भी प्रासंगिक है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया, जबकि अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनील कुमार ने दिया। इस अवसर पर डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. चन्दन सिंह, डॉ. शशिकांत, डॉ. सुरेन्द्र कुमार यादव, डॉ. अवधेश मौर्य सहित कई विद्यार्थी उपस्थित रहे।