सबसे कम अवधि में निर्माण, नये सत्र के साथ 26 पाठ्यक्रमों की शुरुआत
खालिद शाह
आजमगढ़।
आजमगढ़ की पावन भूमि पर एक नए शैक्षिक युग का उदय हो चुका है। महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय अपने नवनिर्मित परिसर में सत्र 2024-25 से शैक्षणिक गतिविधियों की शुरुआत कर रहा है। यह विश्वविद्यालय न केवल क्षेत्र की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया है, बल्कि यह राज्य और देश में सबसे कम समय में निर्मित शैक्षणिक संस्थानों में भी अपना स्थान बना चुका है। इसकी विशेषता यह है कि यह आजमगढ़ के भविष्य को ज्ञान और नवाचार की दिशा में सशक्त करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है।
आधुनिक शिक्षा की ओर एक ठोस कदम-
सत्र 2024-25 में इस विश्वविद्यालय ने 26 नये स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों का शुभारंभ किया है, जिनमें संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गृहविज्ञान, फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर विज्ञान, इंटीग्रेटिव साइंस, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, एम.बी.ए. आतिथ्य एवं पर्यटन प्रबंधन, एम.बी.ए. कृषि व्यवसाय प्रबंधन, एल.एल.एम., एम.कॉम., बी.बी.ए. जैसे विषय शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई है। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय इसी सत्र से पी.एच.डी. कार्यक्रम भी प्रारंभ कर रहा है, जिससे शोध और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकें।
कुलपति का संदेश: समरसता और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता-
विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा, ने रक्षाबंधन और विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि, “हमारी संस्कृति की जड़ें गहरी हैं और शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे हम इन मूल्यों को सशक्त कर सकते हैं। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य न केवल अकादमिक विकास करना है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक जागरूकता का भी प्रसार करना है।”
आजमगढ़ की पहचान: शिक्षा का नया केंद्र-
महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के लिए सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक आशा की किरण है, जो इस क्षेत्र की युवा पीढ़ी को ज्ञान और आधुनिक तकनीक से लैस करेगा। इसके साथ ही, यह क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक संरचना को भी मजबूती देगा। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि यहां से निकलने वाले विद्यार्थी न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करें, बल्कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रेरक बनें।
आजमगढ़ में यह विश्वविद्यालय एक नई धरोहर के रूप में उभर रहा है, जो न केवल क्षेत्र को गौरव प्रदान करेगा, बल्कि शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
“ज्ञान ही शक्ति है,” और इस शक्ति के माध्यम से महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाएगा।