डिजिटल प्रणाली और उत्कृष्ट नेतृत्व की मिसाल
आज़मगढ़:
महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। इस विश्वविद्यालय ने निर्माण कार्य में एक विशेष रिकॉर्ड स्थापित किया है, जहाँ यह अन्य चार विश्वविद्यालयों की तुलना में सबसे बाद में शुरू हुआ, लेकिन सबसे पहले पूरा हुआ। इस सत्र से विश्वविद्यालय ने अपने नवनिर्मित परिसर में 26 उन्नत पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है।
इस विश्वविद्यालय ने डिजिटल प्रणाली को अपनाकर शिक्षा में नवीनता और दक्षता का एक नया मानक स्थापित किया है। यहाँ परीक्षा प्रणाली में अत्याधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जिससे सामूहिक नक़ल पर नियंत्रण पाया गया है। इसके साथ ही, परीक्षा और मूल्यांकन की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का लाभ उठाया गया है। यह तकनीक न केवल मूल्यांकन के समय को घटाती है, बल्कि इसकी पारदर्शिता और शुचिता को भी सुनिश्चित करती है।
विद्यार्थियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखते हुए, विश्वविद्यालय ने अनावश्यक परेशानियों को समाप्त कर दिया है। अब छात्रों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, और सम्बद्धता प्रयोगात्मक परीक्षा तथा आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रियाओं को तत्परता से संपादित किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र नियमित रूप से चल रहा है और कार्यप्रणाली सुव्यवस्थित है।
इस remarkable प्रगति के पीछे विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा की अपूर्व मेहनत और दूरदर्शिता है। प्रोफेसर शर्मा ने न केवल विश्वविद्यालय का निर्माण तेजी से पूरा किया, बल्कि 26 विषयों में कक्षाओं का संचालन भी सुनिश्चित किया। उनके नेतृत्व ने विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
प्रोफेसर शर्मा की यह सफलता दिखाती है कि कुशल नेतृत्व और सही दिशा में प्रयास करके कैसे किसी संस्थान को शीघ्रता से विकसित किया जा सकता है। उनकी लगन और प्रतिबद्धता ने न केवल निर्माण कार्य को समय पर पूरा किया, बल्कि शिक्षा के स्तर को भी ऊँचा उठाया है। यह उपलब्धि प्रोफेसर शर्मा की व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।