छात्रों की उपस्थिति के लिए मोबाइल आधारित फेस बायोमेट्रिक प्रणाली लागू
एमएमसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पहला संस्थान
जौनपुर।
उमा नाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर ने एक और ऐतिहासिक पहल कर पूर्वांचल का पहला मेडिकल कॉलेज बनने का गौरव प्राप्त किया है, जहाँ एमबीबीएस छात्रों के लिए मोबाइल आधारित फेस बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के (Automated Biometric Attendance System) दिशा-निर्देशों के अनुरूप उठाया गया है।
यह अत्याधुनिक तकनीक “फेस आर.डी. मोबाइल एप” के जरिए काम करती है, जिसमें छात्र कॉलेज परिसर में रहकर ही अपने मोबाइल से चेहरा स्कैन कर उपस्थिति दर्ज करते हैं। उपस्थिति सीधे एमएमसी के डैशबोर्ड से रियल-टाइम में जुड़ जाती है, जिससे पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित होता है।फिंगरप्रिंट या कार्ड के झंझट से मुक्त यह प्रणाली पहले से ही फैकल्टी और स्टाफ पर लागू थी। अब छात्रों के लिए इसे विस्तार देकर पूरे कैंपस को डिजिटल ट्रैकिंग ज़ोन में तब्दील किया गया है। तकनीकी संचालन बायोमेट्रिक नोडल अधिकारी डॉ. आदर्श यादव की निगरानी में हुआ।प्राचार्या डॉ. रुचिरा सेठी ने कहा, “यह केवल उपस्थिति का तरीका नहीं, बल्कि छात्रों की प्रतिबद्धता को मापने का डिजिटल साधन है। इससे उनकी शैक्षणिक प्रगति में भी सुधार आएगा।”कॉलेज प्रशासन ने इसे भविष्य में प्रैक्टिकल, हॉस्पिटल ड्यूटी, क्लिनिकल पोस्टिंग और इंटर्नशिप तक विस्तार देने की योजना बनाई है, जिससे हर छात्र की समग्र गतिविधियों का सटीक डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो सके।यह पहल न केवल यूएनएस कॉलेज को तकनीकी रूप से अग्रणी बनाती है, बल्कि शिक्षा में अनुशासन और पारदर्शिता की एक नई मिसाल भी स्थापित करती है।



