प्रयागराज – उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) कार्यालय के बाहर प्रतियोगी अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन और एक ही पाली में आयोजित की जाएं। धरना स्थल पर सुरक्षा के मद्देनजर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
मंगलवार को अभ्यर्थियों का जोश देखते ही बन रहा था। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच नारेबाजी करते हुए उन्होंने आयोग के नॉर्मलाइजेशन प्रणाली पर कटाक्ष किए। विभिन्न पदों की प्रतीकात्मक ‘रेट लिस्ट’ जारी कर उन्होंने अपना विरोध जताया। मंगलवार को प्रयागराज पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा ने धरना स्थल पर पहुंचकर अभ्यर्थियों से संवाद किया। उन्होंने अपील की कि वे सड़क से हटकर सिविल लाइंस स्थित धरना स्थल पर जाएं, ताकि यातायात बाधित न हो और आम नागरिकों को असुविधा से बचाया जा सके। कमिश्नर ने आश्वासन दिया कि वैकल्पिक स्थल पर उचित व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अभ्यर्थियों ने इसे ठुकराते हुए कहा कि अब वे कहीं और नहीं जाएंगे।
सुबह 11 बजे तक बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पुनः जमा हुए। कुछ अभ्यर्थी ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते पहुंचे तो कुछ सांकेतिक रूप से शवयात्रा लेकर आए। पूरे दिन आयोग के बाहर ढोल-नगाड़ों का शोर बना रहा। पोस्टरों पर ‘पहले आओ पहले पाओ’ और ‘नॉर्मलाइजेशन के विरोध में’ जैसे संदेश अंकित किए गए। सड़क पर ‘हमारी एक ही इच्छा, एक पाली में हो परीक्षा’ का नारा लिखा गया।
इस विरोध के समर्थन में प्रतियोगी छात्र आज काला दिवस मना रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने बताया कि छात्र काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपने प्रोफाइल भी काले रंग से अपडेट कर रहे हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का आरोप है कि पुलिस उनके परिवार को धमकाकर आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। प्रशांत के अनुसार, पुलिस ने उनके पिता और बड़े भाई को चेतावनी दी है कि प्रशांत को आंदोलन से दूर रहने के लिए कहें।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे तब तक डटे रहेंगे जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता।