अतिथि शिक्षकों के चयन में गुणवत्ता को दी प्राथमिकता
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में योग्यता और अनुभव को मिला बढ़ावा
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने अतिथि शिक्षकों के चयन में गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई है। इस निर्णय से विश्वविद्यालय में योग्यता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिला है।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों का चयन शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और संबंधित विषय में दक्षता के आधार पर किया गया है। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की सिफारिश या बाहरी दबाव को महत्व नहीं दिया गया।
उम्मीदवारों के शैक्षणिक रिकॉर्ड की जांच की गई, जिसमें उनके प्राप्त अंक, डिग्री और विशेष योग्यता शामिल हैं।शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में उम्मीदवारों के अनुभव को प्राथमिकता दी गई।संबंधित विषय में उनकी विशेषज्ञता और योगदान को भी मूल्यांकन में शामिल किया गया।उम्मीदवारों के साक्षात्कार के माध्यम से उनकी संप्रेषण क्षमता, शिक्षण दृष्टिकोण और विद्यार्थियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का भी आकलन किया गया।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि विश्वविद्यालय में केवल योग्य और समर्पित शिक्षक ही नियुक्त हों, ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त हो सके।अतिथि शिक्षकों का चयन पूरी तरह से उनकी योग्यता के आधार पर किया गया है।
इस निर्णय ने शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाया है। इससे छात्रों को न केवल योग्य और अनुभवी शिक्षक प्राप्त होंगे, बल्कि शिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इसके अलावा, यह निर्णय उन योग्य उम्मीदवारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो बिना किसी सिफारिश के अपने कौशल और योग्यता के आधार पर चयनित हो सकते हैं।कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा अतिथि शिक्षकों के चयन में केवल गुणवत्ता को प्राथमिकता देने का निर्णय विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मानकों को उच्चतर स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल शिक्षण क्षेत्र में पारदर्शिता और योग्यता को बढ़ावा देगा, बल्कि छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएगा। इस निर्णय से विश्वविद्यालय में एक सकारात्मक माहौल का निर्माण होगा, जहां योग्य और समर्पित शिक्षक अपने ज्ञान और अनुभव से छात्रों को समृद्ध करेंगे।