सुविधा शुल्क की मांग पर परीक्षा से रोका गया छात्र, प्रशासन चुप
सुविधा-विहीन केंद्र पर परीक्षा, आरोपों के घेरे में विश्वविद्यालय प्रशासन
अभिषेक कुमार
गाजीपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा गाजीपुर जिले के तीन महाविद्यालयों का परीक्षा केंद्र एक सुविधा-विहीन इंटर कॉलेज को बनाए जाने की खबर चर्चा का विषय बनी हुई है। यह केंद्र कुसुम देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, जखनियां में बनाया गया है, जो न केवल बिना सीसीटीवी कैमरों के है, बल्कि इसकी बाउंड्री भी पूरी नहीं हुई है।
सुविधा शुल्क न देने पर परीक्षा देने से किया गया मना
सोमवार को मामला तब गरमाया जब एक परीक्षार्थी ने आरोप लगाया कि केंद्र संचालक ने सुविधा शुल्क न देने पर उसे परीक्षा देने से रोक दिया। परीक्षार्थी ने तुरंत इस घटना की शिकायत पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह से की। उन्होंने मामले की जांच के लिए परीक्षार्थी से प्रवेश पत्र भेजने का निर्देश दिया।
केंद्र प्रबंधकों पर सवाल
गाजीपुर जिले के ये तीन महाविद्यालय इस परीक्षा केंद्र पर संबद्ध हैं:
1.द सनशाइन शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, जखनियां
2.स्व. देवराज दरबारी सैनिक किसान महाविद्यालय
3.माता कुसुम देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, कुरिला, जखनियां
इनमें से पहले दो कॉलेजों के प्रबंधक विपिन कुमार सिंह हैं, जबकि तीसरे कॉलेज के प्रबंधक उनके पिता बाप्रकेश सिंह हैं। यह तथ्य परीक्षा केंद्र निर्धारण में पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मानकों की अनदेखी पर प्रशासन की चुप्पी
गौरतलब है कि माता कुसुम गर्ल्स डिग्री कॉलेज की इमारत अभी निर्माणाधीन है, जिसके कारण इन तीनों महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं माता कुसुम इंटर कॉलेज में परीक्षा दे रहे हैं। मानकों के विपरीत यह केंद्र बनाया गया, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
दूसरे केंद्रों पर कार्रवाई, लेकिन यहां अनदेखी क्यों?
जौनपुर में राम लखन सिंह महाविद्यालय कॉलेज के संचालक द्वारा फ्लाइंग स्क्वॉड से दुर्व्यवहार के बाद परीक्षा केंद्र को निरस्त कर दिया गया। इसी प्रकार, गाजीपुर के जन भारती महाविद्यालय में बड़े पैमाने पर नकल के आरोप के बाद परीक्षा केंद्र बंद कर दिया गया। बावजूद इसके, माता कुसुम इंटर कॉलेज पर परीक्षा चल रही है, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गाजीपुर के छात्रों और अभिभावकों में इस मामले को लेकर आक्रोश है। मानकों को ताक पर रखकर बनाए गए इस परीक्षा केंद्र पर कार्रवाई न होने से छात्रों के भविष्य पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।