जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को शोध परियोजना प्राप्त करने पर कुलपति सभागार में सम्मानित किया। हाल ही में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षकों को उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग, रिसर्च डेवलपमेंट एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद से कुल 14 रिसर्च ग्रांट प्राप्त हुई है।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि वे अपने शोध कार्य के प्रमुख उद्देश्यों को पूरा करें और साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि सभी शिक्षक मिलकर एक बहु-विषयक टीम बनाएं और भारत के पारंपरिक विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर नए शोध प्रस्ताव तैयार करें। इस प्रयास से पौराणिक विज्ञान के अनछुए पहलुओं को तथ्यात्मक तरीके से दुनिया के सामने लाया जा सकेगा।प्रो. वंदना सिंह ने शोध पत्रों के प्रकाशन और पेटेंट प्राप्ति की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि शोध कार्य को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस दिशा में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रयासरत है, जिससे पेटेंट प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।कार्यक्रम में वित्त अधिकारी और कुलसचिव ने भी शिक्षकों के शोध कार्यों की सराहना की और उन्हें शोध के क्षेत्र में अपने कार्यों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया।
प्राप्त रिसर्च अनुदान के तहत विश्वविद्यालय में थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइसेस, कालीन उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों का शोधन, नदियों में व्याप्त हेवी मेटल्स, सेन्सर टेक्नोलॉजी, हाइड्रोजन एनर्जी, ग्रीन लूब्रिकेंट, सोडीअम आयन बैटरी, और कॉम्प्लेक्स मेनीफोल्ड जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध कार्य किए जाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रो. रामनारायण, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. काजल कुमार डे, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. दिनेश कुमार वर्मा, डॉ. सुशील शुक्ला, डॉ. शशिकांत यादव, और डॉ. श्याम कन्हैया समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।