लखनऊ।
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षांत समारोह में 149 विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। इनमें 61 स्वर्ण पदक शामिल थे, जिनमें से छात्राओं ने 39 स्वर्ण पदक प्राप्त किए, जबकि छात्रों को 22 स्वर्ण पदक मिले। कुल पदकों में छात्राओं की संख्या 95 रही, जबकि छात्रों ने 54 पदक अर्जित किए।
इस अवसर पर राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा, “विद्या वह है, जो हमें बंधनों से मुक्त करे।” उन्होंने छात्राओं द्वारा सर्वाधिक पदक प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और विद्यार्थियों को सतत पढ़ाई के महत्व पर बल दिया।
राज्यपाल ने डिजी लॉकर पर विद्यार्थियों की डिग्रियां अपलोड करने का उद्घाटन भी किया। उन्होंने लाइब्रेरी का भरपूर उपयोग करने की सलाह देते हुए कहा कि ज्ञान का महत्व पुरस्कारों से अधिक है। इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि विदेशी विद्वान भारत से तकनीक सीखकर उसे अपने नाम कर लेते थे।
विद्यार्थियों के लिए ज्ञान को समाजहित में लगाने का आह्वान
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अलग-अलग भाषाओं में लिखी पुस्तकों का अनुवाद करना चाहिए, ताकि युवा वर्ग भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा से परिचित हो सके। उन्होंने पाठ्यक्रमों में इस समृद्ध ज्ञान को शामिल करने की भी सलाह दी।
उन्होंने दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए कहा, “यह केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों का जश्न नहीं, बल्कि प्रदेश और देश की प्रगति का भी प्रतीक है।” उन्होंने छात्रों से अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज के हित में करने का आह्वान किया।
महानिदेशक शिशिर सिन्हा को डी.लिट उपाधि से सम्मानित
कार्यक्रम में सीपेट (CPET) के महानिदेशक शिशिर सिन्हा को डी.लिट की मानद उपाधि और मान-पत्र प्रदान किया गया। अपने अभिभाषण में उन्होंने विज्ञान और नैतिक मूल्यों के मिश्रण से जीवन में प्रगति करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत में सबसे अधिक युवा जनसंख्या होने के कारण यह देश तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था बन रहा है।”
शिशिर सिन्हा ने विद्यार्थियों को निरंतर सीखने और अनलर्निंग के कौशल विकसित करने की सलाह दी।
कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाईं
समारोह में स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह ने राज्यपाल के मार्गदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि भाषा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रगति और भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।