पुलिस और प्रशासन की छानबीन के बाद भी नहीं मिला कैमरा
जागरूकता, तकनीकी उपकरण और अफवाहों की पड़ताल से उपजा विवाद
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मीराबाई हॉस्टल में सोमवार रात शौचालय में कैमरा होने की सूचना ने छात्राओं, प्रशासन और पुलिस को हिला कर रख दिया। छात्राओं की शिकायत पर मौके पर पहुंची पुलिस ने गहन जांच की, लेकिन कैमरे की पुष्टि नहीं हो सकी। इस घटना ने हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था और छात्राओं की सतर्कता दोनों को चर्चा का केंद्र बना दिया है।
मीराबाई हॉस्टल, जहां सीनियर और जूनियर छात्राएं रहती हैं, में रात को कुछ छात्राओं ने शौचालय में ऐप की मदद से खुफिया कैमरा होने का संकेत पाया। सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल जैसे जागरूकता कार्यक्रमों से प्रेरित इन छात्राओं ने एक तकनीकी ऐप का उपयोग किया। बताया गया कि जब शौचालय में लाइट बंद कर इस ऐप से जांच की गई, तो वहां रोशनी जैसी चमक दिखाई दी। इस पर उन्हें कैमरा होने का संदेह हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया।छात्राओं के बताए अनुसार पुलिस ने भी ऐप का उपयोग कर शौचालय की जांच की, लेकिन शारीरिक रूप से कोई कैमरा नहीं मिला।घटना के बाद हॉस्टल के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा गार्ड, पुलिसकर्मी, प्रॉक्टर, चीफ वार्डन और अन्य जिम्मेदार अधिकारी मौजूद थे। मीराबाई हॉस्टल की सुरक्षा महिला गार्डों और सफाई महिला कर्मचारियों पर आधारित है। किसी बाहरी व्यक्ति, विशेष रूप से पुरुष, को अंदर जाने की इजाजत नहीं होती।इसके बावजूद, यह अफवाह कि शौचालय में कैमरा हो सकता है, सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े करती है।जागरूकता कार्यक्रमों और तकनीकी साधनों के बढ़ते उपयोग ने छात्राओं को सतर्क तो बनाया है, लेकिन इसका दुरुपयोग या भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना भी एक चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस और प्रशासन ने यह संभावना जताई कि यह घटना छात्राओं की किसी गलतफहमी या मजाक का परिणाम हो सकती है।इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और तकनीकी जागरूकता को सही दिशा में उपयोग करने की जरूरत को उजागर किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की गहराई से जांच कराने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
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“महिला हॉस्टल के शौचालय में कोई ऐसा कैमरा नहीं मिला है। कई छात्राओं ने ऐप की मदद से शौचालय के अंदर रोशनी देखी, जिससे उन्हें खुफिया कैमरा होने का संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जांच-पड़ताल में ऐसा कुछ फिलहाल नहीं मिला है।”
-संतोष कुमार यादव, प्रभारी, पूर्वांचल विश्वविद्यालय चौकी
महिला हॉस्टल में वीडियो वायरल की धमकी, छात्राओं में दहशत
मीराबाई हॉस्टल की छात्राओं को व्हाट्सएप पर भेजे गए आपत्तिजनक वीडियो, बढ़ा आक्रोश
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मीराबाई हॉस्टल में कैमरा होने की अफवाह के बाद अब एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। कुछ छात्राओं के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल और व्हाट्सएप संदेशों के जरिए बातचीत का दबाव बनाया जा रहा है। इन संदेशों में उन्हें धमकी दी गई कि यदि वे बातचीत नहीं करेंगी तो उनके वॉशरूम के कथित वीडियो सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
स्थिति तब और गंभीर हो गई, जब कुछ छात्राओं को व्हाट्सएप पर उनके वॉशरूम इस्तेमाल करते हुए वीडियो भेजे गए, जिन्हें कुछ देर बाद डिलीट कर दिया गया। यह देखते ही छात्राएं घबरा गईं, और दो छात्राओं की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जिला चिकित्सालय भेजा गया। इस घटना के बाद न केवल छात्राओं बल्कि पूरे विश्वविद्यालय में आक्रोश का माहौल है।घटना की सूचना फैलते ही कई छात्र मीराबाई हॉस्टल के बाहर जमा हो गए। छात्रों और छात्राओं ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस अब तक इस मामले में स्पष्ट स्थिति नहीं दे सके हैं। हालांकि, पूर्वांचल विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी संतोष कुमार यादव ने कैमरे की उपस्थिति से इनकार किया था, लेकिन अब वायरल वीडियो की धमकी ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।छात्राओं और छात्रों ने हॉस्टल की सुरक्षा बढ़ाने और अज्ञात नंबरों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर एक बार फिर से पुनर्विचार की आवश्यकता पर जोर दिया है।