विश्वविद्यालय का धन बंदरबांट किए जाने की मुख्यमंत्री व राज्यपाल से शिकायत
पूर्व कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य के कार्यकाल में शुरू हुआ था कार्य
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में सड़क मरम्मत व सीवर लाइन के नाम पर करोड़ों का नुकसान किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।नैक मूल्यांकन के दौरान करोड़ों रुपए खर्च करके जिस सड़क की मरम्मत कराई गई थी उसे पांच महीने के भीतर दोबारा खोद कर सीवर लाइन डाली जा रही है।पूर्व कुलपति के कार्यकाल में शुरू हुए इस कार्य का 50 प्रतिशत से अधिक का भुक्तान भी हो चुका है।मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए शिकायत की गई है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के चलते करोड़ों रुपया नुकसान का एक और मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गई है।पूर्व कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य के कार्यकाल अगस्त 2023 में नैक मूल्यांकन की तैयारी के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय परिसर की जिस सड़क की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया गया था। पांच महीने के भीतर उसी सड़क को खोद कर छह करोड़ की लागत से अब सीवर लाइन डाली जा रही है।जिसका विश्वविद्यालय प्रशासन ने लगभग 50 प्रतिशत का भुगतान भी कर दिया है।विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने धन की बर्बादी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से की है।पूर्व कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने अगस्त 2023 में नैक मूल्यांकन की तैयारी पर लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत से विश्वविद्यालय एवं आवासीय परिसर की सड़क मरम्मत कराई थी।तभी सीवर लाइन भी डाले जाने का प्रपोजल तैयार था। लेकिन उस समय सीवर लाइन नहीं डाली गई।पांच महीना पहले जिस सड़क की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया गया था अब उसे खोदकर दोबारा से उसमें सीवर लाइन डाली जा रही है। जिसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से छह करोड रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है।और लगभग 50 प्रतिशत धनराशि कार्यदाई संस्था सीएंडडीएस,जलनिगम को भुक्तान किया जा चुका है।
इस संदर्भ में मुझे कोई जानकारी नहीं है।यह पूर्व के अधिकारियों के समय का प्रपोजल है।जिसकी काफी बड़ी धनराशि लोगों ने पहले ही विश्वविद्यालय से भुक्तान करा लिया है।
प्रोफेसर वंदना सिंह
कुलपति
पूर्वांचल विश्वविद्यालय।