बरसात में जलभराव और जंगली घास से गांव की सड़कों का हाल नारकीय
खुटहन (जौनपुर):
खुटहन ब्लॉक के नगहटी गांव में साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, और इसका खामियाजा ग्रामीणों को भारी परेशानी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में हालात और भी बिगड़ गए हैं, जिससे गांव की सड़कों पर जलभराव और कीचड़ का अंबार लगा हुआ है। नालियों का अभाव और जगह-जगह हुए अतिक्रमण ने स्थिति को बदतर बना दिया है।
गांव की मुख्य चकरोड, जिसे 20 कड़ी के नाम से जाना जाता है, पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो चुका है। इससे ग्रामीणों का चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया है। सड़कों पर पानी जमा हो जाने से पूरे रास्ते पर कीचड़ और गंदगी फैली हुई है। बारिश के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो गई है, और रात के समय तो गांव में चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि हर जगह जलभराव की स्थिति होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
हालांकि गांव में कई सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी ने गांव की सफाई व्यवस्था को और बिगाड़ दिया है। चक मार्गों और मुख्य सड़कों पर जंगली घास इतनी बढ़ गई है कि रास्ते पहचान में नहीं आते। ग्रामीणों का आरोप है कि सफाई कर्मी गांव में आते ही नहीं हैं, और इसका कारण ग्राम प्रधान और सफाई कर्मियों के बीच की मिलीभगत है।
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान सफाई कर्मियों से धन उगाही कर रहे हैं, जिसके चलते सफाई का काम कागजों तक ही सीमित रह गया है। सफाई कर्मी गांव में आकर अपना काम नहीं करते, और इसकी वजह से गांव की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
गांव की सफाई व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण बरसात में बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। जलभराव और गंदगी से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा ग्रामीणों को सता रहा है। जलभराव के चलते गांव की गलियों में कीड़े-मकोड़ों और मच्छरों की संख्या में वृद्धि हो गई है, जिससे संक्रमण फैलने का डर है।
गांव के निवासियों ने जिलाधिकारी से इस मामले की तत्काल जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही सफाई व्यवस्था को सुधारने के कदम नहीं उठाए गए, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करने को मजबूर होंगे।
सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वे अब पगडंडियों की तरह दिखने लगी हैं। घास और कीचड़ से सड़कों का नामोनिशान मिट गया है, जिससे ग्रामीणों का जीवन बेहाल हो गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो गांव के लोग प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे।