पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ऑनलाइन व ऑफलाइन आयोजित कार्य परिषद की बैठक में लिया गया फैसला
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कार्यपरिषद ऑनलाइन व ऑफलाइन गोपनीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में यौन उत्पीड़न के आरोपी प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार उपाध्याय और फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. नृपेंद्र सिंह पर हमले की साजिश में शामिल आरोपी डॉ. विनय कुमार वर्मा के बर्खास्तगी की संस्तुति की गई।
बैठक में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासन बनाए रखने और आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्य परिषद के सदस्यों ने छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे आरोपियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की। परिषद ने बर्खास्तगी के प्रस्ताव को विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया।विशेष रूप से, डॉ. विनय वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय द्विवेदी को धमकाने की कोशिश की और मीडिया में पूर्व कुलपति के खिलाफ गलत बयानबाजी की। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्य परिषद ने डॉ. विनय वर्मा और यौन उत्पीड़न के आरोपी प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार उपाध्याय को बर्खास्त करने का निर्णय लिया।कार्य परिषद की सदस्यों की संस्कृति के बाद ही दोनों प्राध्यापकों को बर्खास्त किया गया।इस गोपनीय बैठक में विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने और शिक्षण वातावरण को सुरक्षित बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। परिषद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि ऐसे गंभीर आरोपों के संदर्भ में उचित कार्रवाई की जाए, ताकि संस्थान में अनुशासनहीनता की घटनाओं पर नियंत्रण रखा जा सके। यह निर्णय विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का स्पष्ट संदेश देता है।कुलसचिव महेंद्र कुमार,प्रो.जगदीश सिंह दीक्षित,प्रो.अरुण कुमार सिंह,प्रो.रणविजय सिंह,प्रो.शिशिर सिंह,प्रो.अजय द्विवेदी,विशेष आमंत्रित सदस्य परीक्षा नियंत्रक डॉ.विनोद कुमार सिंह,वित्त अधिकारी संजय कुमार राय आदि रहे।