मंदिर में दर्शन पूजन करने को लगी कतार
अयोध्या:
परंपरागत रूप से बड़े रविवार पर दर्शननगर स्थित सूर्यकुंड पर लगने वाले मेले में आस्था का सैलाब उमड़ा। सूर्यकुंड में भक्तों ने श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई। परिसर स्थित मंदिर में सूर्यदेव के दर्शन पूजन के लिए लम्बी कतार दिखाई दी। ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव को समर्पित हवन पूजन तथा मंत्रों का जाप करते भी श्रद्धालु नजर आये। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की तैनाती रही।
भाद्रपद शुक्ल षष्ठी को सूर्य षष्ठी के रूप में मनाया जाता है। इस षष्ठी के बाद पड़ने वाले रविवार को बड़ा रविवार कहा जाता है। बड़े रविवार पर सूर्यकुंड पर परम्परागत रूप से मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें अगल बगल के जनपदों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान व पूजन के लिए उमड़ती है। ऐसी मान्यता है कि बड़े रविवार के दिन सूर्यकुंड में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य का दर्शन पूजन करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है व मनोवाछिंत फल प्राप्त होते है।
बड़े रविवार को अयोध्या जनपद के साथ अम्बेडकरनगर, बस्ती, गोण्डा, सुल्तानपुर, बाराबंकी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सूर्यकुंड पहुंचे। विभिन्न वाहनों व टैक्टर ट्राली से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मेले में भ्रमण किया। यहां खरीदारी किया। व्यंजनों का लुफ्त भी उठाया।
इनसेट में –
आकर्षण का केन्द्र बना सूर्यकुंड
– सरकार ने सूर्यकुंड का जीणोद्धार किया है। जीर्णोद्धार के बाद सूर्यकुंड श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है। विभिन्न जनपदों से आये लोग सूर्यकुंड के विकसित स्वरूप को देखने के बाद प्रसन्न नजर आये। पूरे सूर्यकुंड परिसर का जीर्णोद्धार करने के साथ भव्य गेटों का निर्माण किया गया है। लाइट व साउन्ड शो के माध्यम से श्रद्धालुओं को रामायण से जुड़े दृश्यों को दिखाया जाता है। सूर्यकुंड पयर्टन के मानचित्र पर स्थापित हो गया है। आम दिनों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ती है।
रामराज्याभिषेक समय सूर्यदेव आये थे अयोध्या
-पौराणिक मान्यता के अनसुर रामराज्याभिषेक के समय सारे देवता श्रीराम का दर्शन कररने के लिए अयोध्या आये थे। अयोध्या आगमन के दौरान सूर्यदेव दर्शन नगर में रुके थे। उस समय यह क्षेत्र उनके दिव्य प्रकाश से प्रकाशित हो गया था। इसी स्थान पर सूर्यकुंड का निर्माण किया गया। जहां ज्योतिष्य के अनुसार सूर्य ग्रह की शांति हेतु नियमित तौर पर भक्त पूजन अर्चन भी करते रहते है।