कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें पीएसआईटी (PSIT) के तीन छात्रों समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा कानपुर-इटावा एलिवेटेड हाईवे पर भौती ढाल के पास उस समय हुआ, जब एक डंपर ने अचानक ब्रेक लगा दिए, जिससे पीछे चल रही ऑल्टो कार उसकी चपेट में आ गई। इसके बाद, ऑल्टो के पीछे चल रहे ट्राले ने भी कार को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
घटनाक्रम का विवरण
जानकारी के अनुसार, कानपुर-इटावा एलिवेटेड हाईवे पर भौती ढाल के निकट यह हादसा तब हुआ, जब एक डंपर ने अचानक ब्रेक लगाए, जिससे पीछे से आ रही ऑल्टो कार उसकी ओर तेजी से बढ़ते हुए उसमें टकरा गई। इसके तुरंत बाद, ऑल्टो के पीछे आ रहे एक भारी ट्राले ने कार को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार सभी पांच लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
मृतकों में तीन छात्र और एक चालक शामिल
हादसे में जान गंवाने वाले पांच लोगों में चार पीएसआईटी के छात्र थे, जिनमें दो छात्राएं भी शामिल थीं। मृतकों की पहचान बीटेक फर्स्ट ईयर कंप्यूटर साइंस की छात्रा आयुषी पटेल, थर्ड ईयर की छात्रा गरिमा त्रिपाठी, 4th ईयर का छात्र प्रतीक सिंह, और थर्ड ईयर के छात्र सतीश के रूप में हुई है। इसके अतिरिक्त, कार के चालक विजय साहू, जो सनिगवां के निवासी थे, की भी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
पुलिस और अग्निशमन विभाग की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। सभी मृतकों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कार से बाहर निकाला गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है, और स्थानीय प्रशासन इस घटना की गहन जांच कर रहा है।
हादसे के बाद यातायात प्रभावित
हादसे के चलते कानपुर-इटावा एलिवेटेड हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। घटनास्थल पर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। वहीं, मृतकों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है और प्रशासन द्वारा उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
यह हादसा कानपुर-इटावा हाईवे पर तेज रफ्तार और भारी वाहनों की लापरवाही से होने वाले दुर्घटनाओं की एक और कड़ी है। प्रशासन इस घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कह रहा है, लेकिन ऐसे हादसों से सड़कों पर बढ़ती असुरक्षा को देखते हुए यातायात नियमों के कड़े अनुपालन की मांग भी उठने लगी है।